tag:blogger.com,1999:blog-6735163465791448098.post6180022715847452506..comments2022-03-29T22:18:24.259-07:00Comments on Audichya Bandhu औदीच्य बंधू वेव 2: 'औदीच्य भास्कर''श्री शिवप्रकाश जी व्दिवेदी-"औदीच्य बंधु" पत्र ओर "अखिल भारतीय औदीच्य महासभा"के जन्मदाता '। Unknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6735163465791448098.post-40018073648427023102014-09-16T08:02:18.875-07:002014-09-16T08:02:18.875-07:00== वेवाहिक संबंध ==
सहस्र औदीच्य ब्राह्मण समाज में...== वेवाहिक संबंध ==<br />सहस्र औदीच्य ब्राह्मण समाज में समान्यता परिचित ओर सीमित विवाह संबंध बनते रहे हें। वर्तमान में आवागमन के साधन सशक्त होने से इन सम्बन्धों का विस्तार हो गया हे। फिर भी अधिकतर मामलों में सहस्र औदीच्य ही आपस में पर अलग अलग गोत्रों में संबंध करते हें। ईस्वी सन 1500-1600 के काल में समाज की जन संख्या देड़ लाख 150000 के लगभग हो गई थी। इसी समय गुजरात के छिन्न भिन्न होने से केवल इन सो वर्षों में ही दस से पंद्रह समूह बन गए थे। उनमें आपसी संबद्ध रोटी-बेटी व्यवहार चलता रहा था।<br /><br />इसी काल में [1500-1600 इसवीं सन में] गुजरात में दुर्भिक्ष ओर आततायी आक्रमणों के कारणो से गुजरात छोड़करकई समूहों में अन्य स्थानो जाने लगे थे, एक बड़े समूह में 1200 गाडियाँ उज्जैन आई।<br /><br />यह किवदंती प्रचलित हे, की इन बारह सो के विभाग वाले लोग किसी सेना में जबरन भर्ती किए गए थे, अथवा कोई दासता स्वीकार की थी, ओर किसी युद्ध में भाग लिया था। इसी कारण कट्टर पंथियों ने उनसे दंड प्रायश्चित मांगा, नहीं देने पर सिद्धपुर से घोषणा हुई कि, इनसे संबंध न रखा जाए। चूंकि ये बारह सो की बड़ी संख्या में थे, जो अन्य समूहो से अधिक थी, इसी कारण इनका नाम करण "बड़ी संभा ' या समवाय पड़ा ओर अन्य "छोटी संभा" या समवाय कहलाने लगे। तब से अब तक कुछ कट्टर पंत्ती आपस में विवाह संबंध नहीं करते रहे हें। <br /><br />वर्तमान में पुरानी पीड़ी को छोड़कर नई पीड़ी के लोग इस संभावाद से मुक्त होकर संबंध करने लगें हें। इसके अतिरिक्त वर्तमान में सभी औदीच्य ब्राह्मणो को अर्थात, सहस्र छोटी बड़ी दोनों संभा, टोलकीय, मारू, आदि आदि सभी औदीच्यों को एक किए जाने का प्रयास चल रहा हे। कुछ प्रगति वादियों का मानना यह भी हे की जब हा सब उदीच दिशा के नाम से औदीच्य कहलाए हें तो सभी उत्तर भारतीय औदीच्य हें, उनमें आपस में रोटी बेटी संबंध होना चाहिए। यह देखा भी जा रहा हे।<br />This massage I have read in ur Audichya Bandhu, now gujaart having all potentially thick Audichya sahastra brahman samaj in Big city,Ahmedabad,Surat,Rajkot,Valsad ,Sidhpur pl make ur publicity in next Audhya bandhu ,and send to mailing list of Gujarat ..probale our forward ideology in urban failies get chance for their son/daughter future. <br />Dr B N Dave<br />voice awareness center<br />Ahmedabad<br />09426406605<br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08417460703631313538noreply@blogger.com