एक सहस्र उदीची ब्राह्मणो का सिद्धपुर आगमन
गोत्रों के नाम मूल स्थान जहां से आये थे, के अनुसार।
इस प्रकार गोत्र के नाम और संख्या, परिवारों के उनके मूल स्थान पर बसने के अनुसार हुई|
जमदग्नि , वत्सस , भार्गव (भृगु ),द्रोण , दालभ्य , मंडव्य , मौनाश , गंगायण , शंकृति , पौलात्स्य , वशिष्ठ , उपमन्यु , 100 च्यवन आश्रम, कुल उद्वाहक , पाराशर, लौध्क्षी , कश्यप: नदियों गंगा एवं यमुना सिहोरे और सिद्धपुर क्षेत्रों से 105 विमान , 100 सरयू नदी दो भारद्वाज कौडिन्य , गर्ग, विश्वामित्र , 100 कान्यकुब्ज सौ कौशिक, इन्द्रकौशिक , शंताताप , अत्री, 100 हरिद्वार क्षेत्र और औदालक , क्रुश्नात्री , श्वेतात्री , चंद्रत्री 100 नेमिषाराण्य, अत्रिकाषिक सत्तर, गौतम, औताथ्य , कृत्सस , आंगिराश, 200 विमानों कुरुक्षेत्र चार शांडिल्य, गौभिल , पिप्लाद , अगत्स्य , 132 सिद्धपुर पाटन पर पहुंचने पर औदिच्यों में पुष्कर क्षेत्र (अगत्स्य,महेंद्र) के गांव।|
1037 परिवारों में से 37 परिवारों ने श्रीमाली ब्राह्मणों के तर्क में सच्चाई समझ कर राजा की योजना में भाग नहीं करने का फैसला किया
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