श्री रघुनंदन शर्मा अखिल भारतीय औदीच्य महासभा के सक्रिय अध्यक्ष, ओर मप्र से राज्यसभा के सांसद हें। |
श्री रघुनन्दन जी शर्मा का जन्म जिला मन्दसौर, तहसील भानपुरा स्थित ग्राम सुजानपुरा में प्रमुख समाज सेवी, धर्मनिष्ठ, आध्यात्मवादी पिता श्री गौरीशंकर जी शर्मा एवं स्नेहमयी माता स्व; श्रीमती रामसुखी बाई के यहां 07 अप्रेल 1946 को हुआ था। श्री शर्मा जी का प्रारम्भिक अध्ययन भानपुरा में होकर आपने 1968 में विक्रम विश्वविध्यालय उज्जैन से एम; ए; राजनीति विज्ञान में की एवं आयुर्वेद रत्न 1972 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से किया। सन 1969 सं 1974 के बीच आप उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्याता एवं प्रधानाचार्य के रूप में गांधी सागर बांध उच्चतर माध्यमिक विधालय में पदस्थ रहे। आपने सन 1974 में नौकरी से त्याग पत्र दिया। आपको बचपन से ही पूर्णत धार्मिक एवं पारिवारिक वातावरण मिला। आयुर्वेद रत्न श्री शर्मा जी अपने क्षेत्र के परोपकारी, व्यवहार कुशल, एवं सदाचारी चिकित्सक के रूप में लोकप्रिय रहे थे।
राजनैतिक जीवन'
''संघे शक्ति: कलौयुगे जायते" उक्ति के बाल्यावस्था से पोषक श्री शर्मा जी सन 1970 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड गये थे, एवं अपनी अपार संगठनात्मक क्षमताओं के कारण आपने संघ के तहसील एवं जिला स्तर के दायित्व निभाये। आपकी कर्त्तव्यनिष्ठा की छाप 1977 में आपातकाल के दौरान देखने को मिली जब आपको भूमिगत रह कर ही संघ की योजनाओं को निर्देशानुसार प्रवीणता से कार्यरूप में परिणित करते रहे। सन 1977 में ही आपातकाल के पश्चात आप जिला जनता पार्टी के महामंत्री एवं तत्पश्चात जिलाध्यक्ष निर्वाचित हुए। आपकी सामाजिक उपलब्धियों का उचित आकलन उस समय हुआ, जब आप 1977 में ही गरोठ (भानपुरा) विधान सभा क्षेत्र से मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए विधायक निर्वाचित हुए। आपकी संगठनात्मक क्षमताओं के कारण ही आपको विधायक के साथ साथ मध्य प्रदेश पथ परिवहन निगम का संचालन, मन्दसौर जिला भूमि विकास बैंक एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक में संचालक नियुक्त किया गया। सन 1980 से 1985 तक आप भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर पार्टी को सशक्त आधार प्रदान किया जिसकी वजह से आज भी मन्दसौर, रतलाम, उज्जैन, इन्दौर आदि क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति अत्यन्त सशक्त बनी हुई है।
बहुरंगी प्रतिभा के धनी श्री रघुनंदन जी शर्मा के परिश्रम, सद्व्यवहार एवं संगठनात्मक प्रवीणता को उचित आयाम तब मिला जब प्रदेश भाजपा के युगपुरूष एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रध्देय कुशाभाऊ ठाकरे ने आपको 1986 में म॰ प्र॰ के पार्टी के प्रांतीय कार्यालय का प्रदेश कार्यालय मंत्री का दायित्व सौंपा। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिऐ सुलभ परहितकारी श्री शर्मा जी कार्यकर्ताओं में सह्रदय सहयोगी संत पुरूष के रूप में जाने जाते रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी में जिलाध्यक्ष से प्रदेश उपाध्यक्ष तक विभिन्न पदों पर सक्षमता से कार्य किया। 30 अप्रेल 2006 को भारतीय जनशक्ति के संस्थापक राष्ट्रीय महासचिव मनोनित किए गए एव बाद में भारतीय जनशक्ति पार्टी के मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रहे। इसके बाद आप पुन: भारतीय जनता पाटीं में आकर वर्तमान में उपाध्यक्ष पद का निर्वहन कर रहे हैं, एव वर्तमान में मध्यपदेश से राज्य सभा सांसद हें।
सामाजिक जीवन '
श्री शर्मा जी का समाज के प्रति लगाव होकर वे सामाजिक कार्यकर्ताओं में उर्जा प्रदाता के रूप में लोकप्रिय हैं। समाज के प्रत्येक गतिविधि में भाग लेकर तन, मन और धन से सहयोग करते हैं। वर्तमान में आप कई सामाजिक ट्रस्टो के सदस्य होकर अपना दायित्व निभा रहे है। वर्तमान में आप अ; भा; औदीच्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हें। आपके व्दारा ही महासभा का विकेन्द्रीकरण होकर, महासभा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश में सक्रिय रूप से चल रही है। गुजरात, दिल्ली, उ॰प्र॰ आदि अन्य प्रांतो में शीघ्र ही पुनर्गठन होकर गतिविधियां पूर्ववत निरंतर की जा सकेंगी।
लेखकीय जीवन-
धर्मोपरायण ईश्वरोपासक श्री रघुनन्दन जी शर्मा वेद, पुराण,स्म़ति, उपनिषद, इतिहास, संहिता के उत्तम ज्ञाता हैं, आपके ज्ञान भण्डार का लाभ आपके सानिध्य में आने वाले महानुभावों को सदैव मिलता रहता है। पिछले तीन दशको में आपके लगभग पांच सौ लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। सन 2002 में "ज्वलंत प्रश्न", "सेकुलर जवाब", "राष्ट्रवादी सोच" एवं 2006 में "सामाजिक समरसता एवं वर्ण व्यवस्थाऐं " नामक विचारोत्तेजक पुस्तिकाऐं अर्चना प्रकाशन भोपाल व्दारा प्रकाशित की गई है। वर्ष 2007 में "प्रभु प्रीत के गीत " नामक पुस्तक जगदगुरू शंकराचार्य पीठ भानपुरा जिला मंदसौर व्दारा प्रकाशित की गई है। आप वर्तमान में धर्म और आध्यात्म की मासिक पत्रिका '' भानेश्वर''के संपादक होकर उसका प्रकाशन भोपाल से कर रहे है ।
पारिवारिक जीवन
आपके आदर्श परिवार में आपकी सुयोग्य पत्नी श्रीमती शांती देवी शर्मा जो झालावाड जिला गंगधार निवासी श्रीमती रामकुंवर बाई बसंतीलाल जी व्यास की पुत्री हैं। आपके दो पुत्र चि; नरेन्द्र एवं हितेन्द्र शर्मा हैं।
आपके एक भाई श्री नंदकिशोर जी शर्मा एवं तीन बहने हैं।
श्री रघनंदन जी शर्मा के कारण औदीच्य समाज में गति एवं उर्जा का समावेश हुआ है। समाज आपकी ओर आशान्वित नजरों से देखते हुए आपके मंगल मय भविष्य की कामना करता है।
जय गोविंद माधव ।
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