पाठको की कलम


आपके पत्र -- पाठको की कलम से ।
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  •   पाठको की कलम से-: औदीच्य बंधु वेव पर आई टिप्पणियाँ / मेल देखें ---

  • Doctor ,And Engineer must on this site for better choice from Gujarat groom, pl send some ebtries of MBBS,MD,B.E वर चाहिए  पर  Brahmtej
  • भट्ट साहेब आपका रूद्र महल खंड काव्य से बहुत प्रभावित हुवा .औदिच्य ब्राह्मण के लिए आपका योगदान प्रशंशनीय है .साथ साथ एक नम्र विनती आपने मुखपुस्ट पर मेरा बनाया गया औदिच्य सहस्त्र स्मारक का जो फोटो का उपयोग किया था तो सिर्फ इसका जिक्र भी करना था के इस स्मारक बनाने के लिए अओदिच्य ब्राह्मण अपना योगदान दे .नाम का मै लालचु नहीं हो पैर जो मेरा अभियान है उसको हम सब की भलाई के लिए एक अच्छा सा कार्य बन सकता था आभार रूद्र महालय खंड काव्य-औदीच्य ब्राम्हणों की उत्पति की गाथा। पर  3/10/13 को Ghanshyam Jani
  • Impressed to see this. Thanks to Dr. Madhusudan Vyas. के उत्तर मेंravalji2002द्वारा 3/10/13 को.
  • Impressed to see this. ravalji2002
प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद । "औदीच्य बंधू" वेव - आप ओर हम क्या करें? पर audichya bandhu mp

  • સિદ્ધપીઠ પૂજ્ય દેવશંકર બાપાની તપોભૂમિ છે.પ્રાચી સરસ્વતીનું તીર્થ છે. ઋષિ માકાન્દેયના પ્રાચીન ઈતીહાસ મુજબ શ્રીસ્થળ સુધીનો સરસ્વતી નદી નો વિશાલ પ્રવાહ ભુતાલની સપાટી પર વહેતો હતો એવું પ્રતિપાદન થાય છે. ઋષિ કદ્ર્માની તપોભૂમિ , કપિલ મહામુની જન્મભૂમી અને દેવ્હુતીમાંની મોક્ષભુમી છે. પ્રાચીન granth ઔદીચ્ય પ્રકાશ લગભગ ૬૦૦ થી ૭૦૦ વર્ષની સિદ્ધપુરની ગૌરવ્ગથાને સુવર્ણ અક્ષરો થી આલેખી છે.ગુજરાતના છેલામાં છેલા aek ઐતિહાસિક ગ્રંથ તરીકે માન્યતા ઈતિહાસકારોએ આપેલી છે. રુદયાતે કુરુક્ષેત્રે પુષ્કરે શ્રીસ્થલે તથા પ્રભાસે પછ્મે તીર્થે પ્ર્છીમી સરસ્વતી (ઋગ્વેદ). સરસ્વતીના કિનારે વૈદિક સંસ્કૃતિનો વિકાસનો ઈતિહાસ રચ્યેલો છે.પ્રાચીના ઋષિમુનિઓની તપોભૂમિ પર Devashankarbaપા ના તપથી સિદ્ધપીઠ પ્રાસીદ્ધા થયું છે.તેમના દેહ-દર્શનથી શંકરનું સ્વરૂપ આંખમાં samayi જાય છે., શરીર પર કેવળ લંગોટી , ભાસમાં રુદ્રક્ષામાંલા દેદીપ્યમાન છે.. સિદ્ધપીઠ સિદ્ધપુરથી પૂર્વ દિશાએ આવેલું છે.આહીં સરસ્વતીના તીરે પ્રાચીન Aarvardeswar મહાદેવ મંદિર છે.ભગવાન શિવનું શીવ્બ્બન છે. આ બાણની ઉપાસનાના કરી ઋષિમુનીઓએ શિવ સાયુજ્ય भागवताचार्य सन्‍त श्री रमेशभाई ओझा पर

12/11/12 को
20-10-2012 भागवताचार्य सन्‍त श्री रमेशभाई ओझा लेबल: औदीच्य समाज के गोरव Shrimad Bhagwat Katha Part 1 of 8 - Rameshbhai Oza रामकथा के मर्मज्ञ एवं भागवत के रहस्‍यलोक के उदगाता औदीच्‍य रत्‍न श्री रमेश भाई ओझा, इस देश की आध्‍यात्मिक संत परम्‍परा के सच्‍चे प्रतिनिधि हैं। सरस्‍वती का वरदान प्राप्‍त श्री रमेश भाई भारतीय सांस्‍क्रतिक परम्‍परा के विशुध्‍द शिखर है। आज पूरे देश में उनका नाम गूंज रहा है। केवल भारत में ही नहीं अपितु देश विदेश के लाखों नर नारियों के अन्‍तर में धर्म एवं अध्‍यात्‍म की कीर्ति का प्रसार करते हुए सम्‍पूर्ण औदीच्‍य समाज को गौरवान्वित किया है। इस कारण देश के अनेक महापुरूषों ने आपको भागवताचार्य , भागवत भूषण, भागवत रत्‍न जैसी विविध उपाधियों से विभूषित किया है। श्री रमेशभाई ओझा का जन्‍म गुजरात के देवका ग्राम में 21 अगस्‍त 1957 को औदीच्‍य परिवार के श्री व्रजलाल कानजी भाई ओझा के यहां हुआ । राजुला की तत्‍व ज्‍योति पाठशाला में कुछ समय अध्‍ययन करने के पश्‍चात आप माता पिता के साथ मुंबई आकर स्‍थायी रूप से वहीं बस गये । वहां आपने अंग्रेजी माध्‍यम से वाणिज्‍य भागवताचार्य सन्‍त श्री रमेशभाई ओझा पर
12/11/12 को
Sidhpur Audichya Sahstra Brahmin samaj Ahmedabad is working 100 years ,Sristhal Community Hall on S.G highway ,Chir person Minister Jaynarayan Vyas ,also welfare of Mankind Sidhpur pilgrim for Matrushradh ,also deication from him. www.sidhpurasbgsmd.com find ... महाराष्ट्र इकाई प्रांतीय पर
12/11/12 को
Audichya sahstra brahmin ahmedabad can be see online www.sidhpurasbgsamd.com on welfare of Community a Sristhal Hall/rooms by sir Jaynarayan Vyas ,minister of Health,Tourism-079-27551931 Sidhpur developed by his dedication Bindusarovar,Vateswar Rushi Dhadhichhi) temple, other Medical hub . राजस्थान इकाई पर
12/11/12 को
Prshant
9/2/12 को

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