श्रीस्थल प्रकाश प्राप्ति स्थान-
MIG 4/1 प्रगती नगर उज्जैन 0734-2519707 .
, द्वितीय खंड या उतरार्ध में दसवीं /ग्यारहवीं सदी, के पाटन(गुजरात) सम्राट मूलराज सोलंकी, का परिचय के साथ प्रायश्चित स्वरूप उनके द्वारा आमंत्रित उत्तर भारत क्षेत्र के तेजस्वी विद्वान शाके 1037 संवत से अधिक ब्राह्मणो के द्वारा अनुष्टान/ प्रायश्चित यज्ञ/ ओर उन्हे ग्राम दान/ ब्राह्मणो के गोत्र, अवतंक आदि आदि का वर्णन है।
श्रीस्थल प्रकाश के प्रथम खंड में प्राचीन श्रीस्थल(सिद्धपुर) ओर वहाँ के पावन तीर्थ स्थानो की भव्यता का वर्णन है

यह आकर्षक ग्रंथ यह कोई कविता कहानी या उपन्यास की तरह रोचक साहित्य----------- अधिक देखें --- लिंक : श्रीस्थल प्रकाश - क्या है?:
समाज हित में प्रकाशित।आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल आदि, जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें