''मानस माधुरी'' परम पूज्‍या हेमलता जी (दीदी मॉ) -- औदीच्य ब्राह्मण समाज की गोरवशाली महिला।

 परम पूज्‍या हेमलता जी (दीदी मॉ) '' मानस माधुरी''
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संगीतमय रामकथा एवं भागवत प्रवक्‍ता परम पूज्‍या हेमलता जी ''मानस माधुरी'' का जन्‍म 5 अप्रेल 1978 को ग्राम उडाना जिला उज्‍जैन के कृषक परिवार में हुआ। आपके पिताजी श्री ईश्‍वरीप्रसाद जी शर्मा एवं माताजी श्रीमती कलावती शर्मा हैं। 
सिद्धपुर में सम्मान
ज्ञान का दान सर्वोपरि कहा जाता हे, मानस ओर भागवत कथा के माध्यम
 से जन जीवन को जीने की कला सिखाना सुश्री दीदी हेमलता जी
का ध्येय बन गया हे , समाज को आप पर गर्व हे। 
आपने जब जीवन में प्रथम बार बोलना सीखा तो आपके श्री मुख् से स्‍वत: श्री रामायण जी की चौपाईयां ही प्रस्‍फुटित हुई। परिवार में नित्‍य श्री रामायण जी का पाठ एवं आध्‍यात्मिक वातावरण का ही प्रभाव रहा था कि आपको अपनी माताश्री के गर्भ में ही अलौकिक ज्ञान की प्राप्ति हुई। धीरे धीरे आपकी कीर्ति चहूं और फैलने लगी, साथ ही आपने स्‍व प्रेरणा से संगीत के सात सुरों को भी साध लिया हे। आपके इस पावन संकल्‍प में आपका परिवार भी सहयोगी रहा है। 
    कहते हैं जब मन में द्रढ संकल्‍प हो और परमार्थ की राह पर प्रभु भक्ति का उत्‍साह हो, तो लक्ष्‍य स्‍वयं सिध्‍द हो जाता है। आपके जीवन में सन 1990 का वह दिन आया जब अखण्‍ड परमधाम, सप्‍त सरोवर, हरिव्‍दार के महामण्‍डलेश्‍वर युग पुरूष स्‍वामी जी श्री परमानंदगिरी जी ने पवित्र नगरी उज्‍जैन में आपको दीक्षा प्रदान की और आपको शिष्‍या स्‍वीकार किया। बाद में आप मानस माधुरी बनकर महिला शक्ति के लिए एक आदर्श प्रेरणा पुंज बन गई। तब से लेकर आज तक आप समूचे भारतवर्ष में श्री भागवत एवं रामायण जी की ज्ञान अमृत की वर्षा कर रही है । 
   आपने सिध्‍दपुर(गुजरात) में भी ज्ञानामृत की वर्षा की। सिध्‍दपुर औदीच्‍य समाज व्‍दारा भी आपको सम्‍मानित किया गया ।
 आप अपने आश्रम श्री मानस शक्ति पीठ आलमपुर उडाना जिला उज्‍जैन में ही भारत माता मंदिर निर्माण के लिये स्‍वयं से वचनबध्‍द है। साथ ही आप पंचगव्‍य से निर्मित औषधियों के माध्‍यम से एक स्‍वस्‍थ्  एवं सुद्रढ भारत के निर्माण्  के लिए भी क्रत संकल्पित है। श्री उडाना वाले हनुमान जी की क्रपा एवं परमपूज्‍य श्री गुरूदेव का आशीर्वाद आप पर कृपावन्‍त है।
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